इक्छा हमारी होने लगी ,एक प्रेम गीत गुनगुनाऊं ! अपनी लेखनी को एक ,रूप देकर उनको सुनाऊँ इक्छा हमारी होने लगी ,एक प्रेम गीत गुनगुनाऊं ! अपनी लेखनी को एक ,रूप देकर उनक...
लिख दे तू मेरी क़िस्मत में कुछ ऐसे, हर फ़िल्मों की, कहानी हो जैसे। लिख दे तू मेरी क़िस्मत में कुछ ऐसे, हर फ़िल्मों की, कहानी हो जैसे।
तुम्हारे होने की अनुभूति होती है सब कुछ घुलने लगता है! तुम्हारे होने की अनुभूति होती है सब कुछ घुलने लगता है!
कुछ और नहीं बस पागलपन करने का मन करता है, तेरे बिन कुछ और नहीं बस मरने का मन करता है कुछ और नहीं बस पागलपन करने का मन करता है, तेरे बिन कुछ और नहीं बस मरने का मन ...
आज ये मंज़र ,ये वक़्त कुछ और है, आज कलम के लफ़्ज़ों में आवाज़ कुछ और है। आज ये मंज़र ,ये वक़्त कुछ और है, आज कलम के लफ़्ज़ों में आवाज़ कुछ और है।
हर दिन हम सब कुछ जानकर भी कुछ नहीं जान पाते...इसी जानने और पहचानने की कोशिश है ये छंद मुक्त अभिव्... हर दिन हम सब कुछ जानकर भी कुछ नहीं जान पाते...इसी जानने और पहचानने की कोशिश ह...